राजा कुशध्वज की तपस्या से प्रसन्न हो स्वयं साक्षात् महालक्ष्मी ने पुत्री रूप में प्रकट होने का वरदान दिया। महारानी मालावती के गर्भ से समय पर पुत्री का जन्म हुआ। नवजात कन्या द्वारा वेदमंत्रों का सस्वर गान सुन कर सभी आश्चर्यचकित रह गये। माता मालावती और पिता कुशध्वज ने ऐसी पुत्री पाकर अपने आप को धन भाग्य समझा और आनन्द विभोर हो उठे।
कुशध्वज ने अपनी पुत्री का नाम वेदवती रखा। वेदवती अभी निरी बालिका ही थी कि माता और पिता से वन में जाकर तपस्या करने की आज्ञा मांगी। राजा कुशध्वज व महारानी मालावती ने अपनी पुत्री को बहुत समझाने-बुझाने का प्रयास किया किन्तु उसका कोई असर नहीं हुआ। माता-पिता का अगाध स्नेह भी वेदवती के दृढ़ निश्चय को नहीं बदल सका। दोनों ने भारी मन व अश्रुपूर्ण आँखों से वेदवती को विदा किया।
वेदवती ने पुष्कर को अपना तपस्या क्षेत्र चुना। कठोर तप के कारण उसका शरीर बहुत दुबला और क्षीण हो गया। एक मन्वन्तर की कठिन तपस्या के पश्चात् उसे मनचाहा वरदान प्राप्त हुआ। वेदवती पुष्कर छोड़कर गन्धमादन पर्वत पर जाकर पुनः तपस्या में लीन हो गयी। गगन मार्ग से जाते हुए राक्षसराज रावण ने उस तपोलग्न अप्रतिम सौंदर्य राशि को देखा और उस पर मोहित हो गया। कामान्ध रावण ने ज्योंही वेदवती का हाथ पकड़ा तो क्रोधित हो वेदवती ने अपने तपोबल से उसे काठ की भांति जड़ और स्थिर कर दिया। रावण के सारे अंग चेष्टाहीन हो गए और वह अत्यन्त व्याकुल हो मन-ही-मन वेदवती की स्तुति कर क्षमा माँगी। वेदवती ने दशानन की जड़ता समाप्त कर श्राप दिया – “अधम! मेरे ही कारण तेरे परिवार का नाश होगा।” यह कहकर वेदवती ने राक्षस के स्पर्श से अपवित्र हुए शरीर को योगाग्नि में जलाकर भस्म कर दिया। यही वेदवती मिथिला नरेश जनक की भूमि से उत्पन्न पुत्री सीता हुई थी। सीता के के अपहरण के कारण ही रावण का का सपरिवार नाश। हुआ।
डा.विक्रमसिंह राठौड़,गुन्दोज
राजस्थानी शोध संस्थान, चोपासनी, जोधपुर
यदि आप ऐसी गुणवती व प्रतिभावान कन्या के लिए सुयोग्य प्रतिभाशाली वर की तलाश में है तो आज ही राजशाही विवाह – Rajput Matrimonial Website पर अपना पंजीयन निशुल्क करवायें।
Mr. Gagan Singh Shekhawat is a renowned online marketer with an exceptional caliber. With extensive experience in internet marketing, Mr. Singh always wanted to unfold the majestic and mystical glory of India and share it with others across the world. And, here the foundation of ‘Our Society’ took place. Our society is the brain child of Mr. Gagan Singh Shekhawat. Whether it is social, cultural, political, and historical or anything else, we’ve not left any stone unturned. I strongly believe that blogging can do wonder and therefore, i came up with unique concept of ‘Our Society’ to help you unveiling the magnificent glory of India.